चिकनगुनिया क्या होता है ?
चिकनगुनिया क्या है। शरीर में चिकनगुनिया क्यों होता है। ये सब जानने के लिए आपको पूरी आर्टिकल पढ़ना पड़ेगा।
चलिए जानते हैं चिकनगुनिया क्या है। चिकनगुनिया एक वायरस (संक्रमण) बुखार है। क्योंकि जब संक्रमित एडीज प्रजाति मच्छर के काटने से शरीर में वायरस (संक्रमण) फ़ैल जाता है, जिसके चलते शरीर में अचानक तेज बुखार आ जाता है। और ये तेज बुखार ही चिकनगुनिया वायरस के नाम से जाना जाता है।
किस मच्छर को काटने से चिकनगुनिया हो जाता है ?
चिकनगुनिया एक वायरस बुखार है। चिकनगुनिया शरीर में बहुत तेज बुखार के रूप में आता है। परन्तु सबसे महत्वपूर्ण सवाल ये है की किस मच्छर के काटने से चिकनगुनिया वायरस बुखार शरीर में तेजी से आ जाता है। जानकारों के मुताबिक एडीज प्रजाति मच्छर और एडीज एल्बोपिक्टस के काटने से चिकनगुनिया वायरस बुखार तेजी से शरीर में आता है। और एडीज प्रजाति मच्छर ज्यादातर दिन में ही कटाती है।
चिकनगुनिया वायरस बुखार होने से शरीर में क्या लक्षण दिखाई देता है ?
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चिकनगुनिया वायरस (संक्रमण) से होने वाले बुखार जब शरीर में तेजी से आता है। लेकिन जब शरीर में चिकनगुनिया वायरस बुखार होता है उस समय शरीर में कुछ लक्षण दिखाई देता है। जैसे में की
1) सिर दर्द
2) मतली फील होना
3) शरीर में लाल चकती जेसे होना
4) जोड़ों में दर्द होना
5) कमजोरी महसूस होना
6) आंखों में दर्द और जलन होना
7) मांसपेशियों में दर्द होना
शरीर में 3 तीन से लेकर 7 सात दिन के बाद ही चिकनगुनिया वायरस बुखार के लक्षण शरीर में दिखाई देता है।
शरीर में चिकनगुनिया वायरस (बुखार) होने से शरीर में 101 से लेकर 105•F तक बुखार होता है। जिसके चलते पाता चलता है की ये चिकनगुनिया वायरस (बुखार)के एक आम लक्षण में से एक है।
जोड़ों में बहुत ही भयानक दर्द होता है। परन्तु चिकनगुनिया वायरस बुखार में हाथ-पैर एवं उंगलियां, घुटने और शरीर के कंधे में तेज दर्द होता है। परंतु कई लोगों में तो चिकनगुनिया वायरस (बुखार) के कराण शरीर के जोड़ों में हफ्ते एवं महीने भर भी दर्द होता रहता है।
चिकनगुनिया वायरस (बुखार) का इलाज कैसे होता है ?
चिकनगुनिया वायरस (बुखार) शरीर में होने से शरीर के जोड़ों में दर्द और मांशपेशियों में भी दर्द होता है। एवं चिकनगुनिया वायरस बुखार के कोई खास एंटी-वायरल इलाज नहीं है। इसलिए चिकनगुनिया वायरस के इलाज करने के लिए डाक्टर सर हमेशा ही अपने सुझाव देते हैं। जैसे में की
1) दर्द और बुखार कम करने के लिए पैरासिटामोल टैबलेट दिया जाता है।
2) चिकनगुनिया वायरस बुखार के कराण कभी -कभी उल्टी होता है। जिसके चलते डाक्टर सर हमेशा कहते हैं की शरीर में पानी कम ना हो, जिसके चलते प्रयाप्त मात्रा में पानी और ORS को पीने बोलता है। और पीना भी चाहिए।
3) चिकनगुनिया वायरस बुखार होने से शरीर को हमेशा आराम देना पड़ता है। ताकि आपके शरीर जल्दी से स्वस्थ हो सके।
4) चिकनगुनिया वायरस बुखार के समय शरीर में हल्की-हल्की मालिश करने चाहिए।
5) चिकनगुनिया वायरस बुखार के समय पोषक भोजन सेवन करने चाहिए। ताकि आपके शरीर कमजोर ना हो।
चिकनगुनिया वायरस (बुखार) से बचाव कैसे करें ?
चिकनगुनिया एक वायरस बुखार है। परंतु सोचने और समझने वाली बात है की आखिर चिकनगुनिया वायरस बुखार से कैसे बचें। चलिए जानते हैं इस लेख के माध्यम से।
1) चिकनगुनिया वायरस (बुखार) से बचने के लिए आपको हमेशा ही अपने शरीर को मच्छरों से बचाव करने पड़ेगा। इसलिए आपको अपने घर के आस-पास पानी एवं गंदगी ना जमा होने दें।
2) चिकनगुनिया वायरस से बचने के लिए आपको अपने घर के टंकी एवं कूलर के पानी नियमित बदले। और पानी टंकी को हमेशा ही ढक कर रखें।
3) चिकनगुनिया वायरस से बचने के लिए रात को मच्छरदानी एवं रिपेलेंट का उपयोग करें।और रात को सोते समय अपने बांहों को पूरी से ढक कर सोने चाहिए।
4) अपने घरों में पूरानी चीज़ों की स्टोर ना करें, क्योंकि जमे हुए चीज़ों पर मच्छर पनप सकते हैं। जिसके कारण चिकनगुनिया वायरस जैसी खतरनाक बुखार होने के सम्भावना बढ़ जाता है।
चिकनगुनिया वायरस(बुखार)से कौन लोग ज्यादा प्रभावित होते हैं ?
चिकनगुनिया वायरस (बुखार) कोई साधारण बुखार नहीं है। क्योंकि चिकनगुनिया एक वायरल फीवर है। जो की एडिज मच्छरों के काटने से होता है। परन्तु सबसे महत्वपूर्ण एवं जानने की बात यह की चिकनगुनिया वायरल बुखार किस लोगों को ज्यादा प्रभावित करता है। चलिए जानते हैं इस लेख के माध्यम से जैसे में की।
1) बुजुर्ग लोगों को
जो लोग बुजुर्ग होते है।चाहे महिला हो या पुरुष,उन लोगों को चिकनगुनिया वायरल बुखार होने के सम्भावना बढ़ जाता है। क्योंकि बुजुर्ग महिला हो या पुरुष इन दोनों का ही रक्त कमजोर हो जाता है, जिसके चलते संक्रमण से लडने के क्षमता कम हो जाता है।
2) छोटे बच्चों को
चिकनगुनिया वायरल बुखार छोटे बच्चों में भी होने के सम्भावना रहता है। क्योंकि छोटे बच्चों के कोशिकाएं भी पूरी तरह से परिपूर्ण नहीं होने के कराण वह संक्रमण से लडने के क्षमता कम होती है। जिसके चलते शरीर में चिकनगुनिया वायरल फीवर होने के सम्भावना रहता है।
3) गर्भवती महिलाओं को
गर्भवती महिलाओं में भी चिकनगुनिया वायरल फीवर होने के सम्भावना बढ़ जाता है। क्योंकि महिलाएं गर्भवती के समय कमजोर रहती है।
4) कमजोर इम्यूनिटी वाले लोग
कमजोर इम्यूनिटी वाले लोग में भी चिकनगुनिया वायरल फीवर होने के सम्भावना बढ़ जाता है।
निष्कर्ष :-
चिकनगुनिया एक वायरल संक्रमण है। क्योंकि मच्छरों के काटने से ही वायरल संक्रमण फैलता है। इसलिए शरीर में तेजी से बुखार आता है, इसे ही चिकनगुनिया वायरल बुखार कहा जाता है। और चिकनगुनिया वायरल बुखार के कराण शरीर के मांसपेशियों एवं जोड़ों में हफ्ते एवं महीने भर भी दर्द रहता है। लेकिन जब शरीर में चिकनगुनिया वायरल फीवर होने से शरीर को आराम देना चाहिए। और प्रयाप्त मात्रा में पानी और सही दवाइयां खाने एवं पीने चाहिए। बहुत लोग तो जल्दी ठीक हो जाते हैं। परन्तु कुछ लोग महीने भर के बाद ठीक होते हैं।
Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई गई दावों की health paswanblog live पुष्टि नहीं करता है। केवल सुझाव के रूप में लें. इस तरह के किसी भी उपचार/दवा/डाइट पर अमल करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.
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