यूरिक एसिड क्या होता है ?
चलिए जानते हैं इस लेख के माध्यम से अपने शरीर में यूरिक एसिड क्या होता है। हमने आपको एकदम से सरल भाषा में समझाने के कोशिश कर रहे हैं। यूरिक एसिड एक अपशिष्ट पदार्थ है। मतलब यूरिक एसिड एक अपशिष्ट (उत्पाद) पदार्थ माना जाता है। जो कि अपने रक्त में उपस्थित रहते हैं।और यूरिक एसिड अपने शरीर में क्यों बनता है।क्योंकि एक्सपर्ट के मुताबिक प्यूरीण नामक रसायन के टूटने से अपने शरीर में यूरिक एसिड बनता है। यही यूरिक एसिड अपने रक्त में जब प्रयाप्त मात्रा से अधिक हो जाता है। तब अपने शरीर के गांठ एवं जोड़ों में दर्द होने लगता है।
प्यूरीन शरीर में किस कराण उत्पन्न होती है ?
चलिए जानते हैं एक दम से सरल भाषा में प्यूरिन हमलोगों के शरीर में बनता है। क्योंकि एक्सपर्ट के मुताबिक जो लोग शराब,लाल मांस,समुद्री जीव,बीयर इत्यादि खाते और पीतें हैं। इन सभी में प्यूरीन नामक रसायन के मात्रा बहुत अधिक पाई जाती है। जिसके चलते अपने शरीर में प्यूरिन नामक रसायन बनता है। और जब शरीर में प्यूरीन नामक रसायन ज्यादा मात्रा में हो जाता है। जिसके चलते प्यूरिन टूटने लगते हैं। और शरीर में नुकसान पहुंचाता है। जिसके चलते शरीर के जोड़ों में दर्द होने लगता है। क्योंकि जब प्यूरीन नामक रसायन रक्त में ज्यादा मात्रा में मिल जाती है। जिसके चलते अपने किडनी प्यूरीन को सही से शरीर से बहार नहीं निकाल सकते हैं। जिसके चलते शरीर के जोड़ों में दर्द होने लगता है।
प्यूरीन नामक रसायन शरीर से बहार कैसे निकलते हैं ?
प्यूरिन नामक रसायन कुछ चीजें खाने और पीने से शरीर में बनता है। यही प्यूरीन नामक रसायन शरीर में बहुत ज्यादा मात्रा में होने के कारण टूटने लगते हैं। पर सबसे अहम बात यह है कि प्यूरीन नामक रसायन यूरीन के माध्यम से शरीर से बहार निकल जाता है।और प्यूरीन नामक रसायन को शरीर से बहार निकालने में हमारे गुर्दे (किडनी) हमारी मदद करती है।
शरीर में यूरिक एसिड बढ़ने से शरीर में कहां-कहां दर्द होने लगता है ?
चलिए जानते हैं इस लेख के माध्यम से अपने शरीर में जब प्रयाप्त मात्रा से अधिक यूरिक एसिड बढ़ने लगता है। उस समय शरीर के कोण-कोण से हिस्से में दर्द होने लगता है। यानी जैसी ही रक्त में यूरिक एसिड के मात्रा अधिक होती है। ठीक उसी समय अपने शरीर के कुछ हिस्सों में और शरीर के जोड़ों में दर्द होने लगता है। जैसे में (1) पैरों के अंगूठे में। (2) हाथों के अंगूठे और उंगलियों में। (3) पेरों के घुटने में। (4) और पेरों के एडी में। (5) कमर निचले हिस्से में दर्द होने लगता है।
(1) पेरों के अंगूठे में।
एक्सपर्ट के मुताबिक अपने शरीर में यूरिक एसिड बढ़ने से। पेरों के अंगूठे में दर्द होने लगता है। क्योंकि जब रक्त में यूरिक एसिड के मात्रा अधिक बढ़ जाता है। उस समय पेरों के अंगूठे में दर्द होने लगता है। यह भी एक यूरिक एसिड बढ़ने के लक्षण होता है। लेकिन हर किसी को एक जैसे दर्द नहीं होता है।
(2) हाथों के अंगूठे और उंगलियों में।
एक्सपर्ट के मुताबिक महिलाएं हो या पुरुष इनके शरीर में जब प्रयाप्त मात्रा से अधिक मात्रा में यूरिक एसिड बढ़ जाता है। क्योंकि जब यूरिक एसिड शरीर में नोर्मल में रहते हैं। उस समय यूरिक एसिड रक्त में मिलकर यूरीन के रास्ते शरीर से बहार निकल जाता है। लेकिन जैसे ही यूरिक एसिड प्रयाप्त मात्रा से जब अधिक मात्रा में हो जाती है। उसी समय हाथों के अंगूठे एवं अंगुलियों में बहुत तेज दर्द होने लगता है।और यह भी एक तरह से यूरिक एसिड बढ़ने के लक्षण होता है।
(3) पेरों के घुटने में।
जैसे ही शरीर में यूरिक एसिड बढ़ने लगता है।उसी समय अपने पेरों के घुटने में दर्द होने लगता है। क्योंकि एक्सपर्ट के मुताबिक महिलाएं हो या पुरुष इनके शरीर में यूरिक एसिड के मात्रा अधिक बढ़ने लगता है। उसी समय पेरों के घुटने में भी दर्द होने लगता है। और यह भी यूरिक एसिड बढ़ने के लक्षण होता है।
(4) पेरों के एडी में।
अपने शरीर में जैसे ही यूरिक एसिड बढ़ने लगता है। ठीक उसी समय अपने पेरों के एडी में भी तेज दर्द होने लगता है।और एडी में तेज दर्द के कारण चलने में भी दिक्कत होती है। यह भी एक तरह से यूरिक एसिड बढ़ने के लक्षण होता है।
(5) पीट के निचले हिस्से में।
एक्सपर्ट के मुताबिक महिलाएं हो या पुरुष इनके शरीर में जब प्रयाप्त मात्रा से अधिक मात्रा में यूरिक एसिड बढ़ने लगता है। उस समय पीठ के निचले हिस्से में भी दर्द होने लगता। क्योंकि जब रक्त में यूरिक एसिड के मात्रा अधिक बढ़ जाता है। तभी किडनी में भी दर्द होने लगता। क्योंकि एक्सपर्ट के मुताबिक रक्त में अधिक यूरिक एसिड बढ़ने से नुकीली क्रिस्टलों में बदल जाता है और यही नुकीली क्रिस्टलों कभी कभार किडनी में पथरी के रूप धारण कर लेती है ।जो कि किडनी स्टोन बिमारी के नाम से भी जाना जाता है।
एक नोर्मल स्वस्थ व्यक्ति के शरीर में यूरिक एसिड कितने होने चाहिए ?
एक्सपर्ट मुताबिक एक नोर्मल स्वस्थ महिला हो या पुरुष इनके शरीर में यूरिक एसिड कितने होने चाहिए। चलिए जानते हैं इस लेख के माध्यम से।
एक नोर्मल स्वस्थ महिला के शरीर में यूरिक एसिड हमेशा
2.4 -6.0mg/dl के बीच में होने चाहिए। अगर इससे ज्यादा मात्रा में यूरिक एसिड महिला के शरीर में होता है। तो उस महिला को तुरंत ही डाक्टर से सम्पर्क करने चाहिए।
एक नोर्मल स्वस्थ पुरुष के यूरिक एसिड हमेशा 3.4-7.0mg/dl के बीच होना चाहिए नहीं तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करने चाहिए।
क्योंकि एक्सपर्ट के मुताबिक यूरिक एसिड एक अपशिष्ट पदार्थ है जो कि अपने रक्त में मिलकर यूरीन के माध्यम से शरीर से बहार निकल जाता है। जैसे ही शरीर में यूरिक एसिड बढ़ने लगता है उसी समय शरीर के जोड़ों और गांठों में दर्द होने लगता। इसलिए इसे गठिया रोग के नाम से भी जाना जाता है।
संराष:- एक्सपर्ट के मुताबिक महिलाएं हो या पुरुष इन सभी में जब यूरिक एसिड प्रयाप्त मात्रा से अधिक बढ़ जाता है।
उस समय सबसे पहले डॉक्टर से संपर्क करें। और यूरिक एसिड को कम करने के लिए आपको हमेशा ही पर्याप्त मात्रा में पानी पीने चाहिए। एवं प्रोटीन युक्त भोजन खाने चाहिए। क्योंकि एक्सपर्ट के मुताबिक प्रयाप्त मात्रा में पानी से बढ़े हुए यूरिक एसिड कम होने लगता है। और हर समय ये जरूरी नहीं है की यूरिक एसिड बढ़ने से ही शरीर के जोड़ों में दर्द होता है। क्योंकि और कराण हो सकता है। इसलिए सबसे पहले अपने आप को डाक्टर से सलाह लें लेनी चाहिए।
Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई गई दावों की health paswanblog live पुष्टि नहीं करता है। केवल सुझाव के रूप में लें. इस तरह के किसी भी उपचार/दवा/डाइट पर अमल करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.
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