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महिलाओं के बच्चेदानी कभी-कभी अपने जगह से क्यों हट जाती है ?

महिलाओं के बच्चेदानी कभी-कभी अपने जगह से क्यों हट जाती है ?


महिलाओं के शरीर तो बहुत ही महत्वपूर्ण तरीकों से ईश्वर ने बनाया है और महिलाओं के बच्चेदानी शरीर में बहुत ही महत्वपूर्ण अंग माना जाता है क्योंकि इस बच्चेदानी के बिना महिलाएं कभी मां नहीं बन सकती है महिलाएं के बच्चेदानी बहुत ही अनमोल माना गया है अब बात करते हैं कि आखिर महिलाओं के बच्चेदानी अपने जगह से क्यों हट जाती है ये बहुत ही महत्वपूर्ण सवाल है इसलिए एक्सपर्ट के मुताबिक महिलाएं के बच्चेदानी अपने जगह से दूसरी जगह साइट होने के बहुत से कराण माना जाता है मतलब एक दम सही से सरल भाषा में समझें कि महिलाओं के बच्चेदानी अपने जगह से अगर थोड़ी सी भी हट जाती है तो मैडिकल सांइस के मुताबिक शरीर में बहुत सारे कष्ट होने लगता है ओर दुसरी बात जानें की आखिर क्यों महिलाओं के बच्चेदानी अपने जगह से दूसरी जगह साइट हों जाते हैं ये सब जानने के लिए आपको ये पुरी आर्टिकल पढ़ने पड़ेगा जैसे में  

(1) ज्यादा बच्चों को जन्म देना 
(2) शरीर के वजन बढ़ जाने से 
(3) महिलाओं के शरीर में कमजोरी आने से 
(4) महिलाओं के बढ़ते उम्र के कारण 
(5) भारी वजन के समान उठा लेने से 

(1) ज्यादा बार बच्चों को जन्म देना।
बहुत सारे महिलाएं अपने जीवन में एक से अधिक बार बच्चों को जन्म देती है इसलिए एक्सपर्ट के मुताबिक जो महिलाएं एक से अधिक बार बच्चों को जन्म देती हैं उन सब महिलाओं के बच्चेदानी बहुत कमजोर हो जाती है जिसके चलते महिलाओं के बच्चेदानी अपने जगह से हट जाता है और महिलाओं को शरीर में बहुत सारे परेशानी होने लगता है इसलिए एक्सपर्ट के मुताबिक महिलाएं को हमेशा ही अधिक बच्चे को जन्म देने से बचना चाहिए।

(2)  महिलाओं के शरीर का वजन बढ़ने से।

एक्सपर्ट के मुताबिक जिन सब महिलाओं के शरीर का वजन बढ़ जाता है उन सब महिलाओं के बच्चेदानी खिसकने के डर बना रहता है मतलब अगर कोई महिलाएं के शरीर में मोटा हो जाता है उस समय बच्चेदानी में सुजन या बच्चेदानी को बहार आने वाली डर बना रहता है इसलिए एक्सपर्ट के मुताबिक महिलाएं को हमेशा ही भारी वजन के समान उठा लेने से बचना चाहिए।

(3) महिलाओं के शरीर में कमजोरी आने से।

एक्सपर्ट के मुताबिक महिलाएं के शरीर में जब किसी कराण कमजोरी आने लगता है उस समय बच्चेदानी अपने जगह से दूसरी जगह साइट होने के डर बना रहता है इसलिए एक्सपर्ट हमेशा ही कहते हैं की महिलाओं को अपने शरीर को लेकर सतर्क रहना चाहिए ओर पोष्टिक आहार लेना चाहिए क्योंकि पोष्टिक आहार लेने से शरीर में कमजोरी नहीं आ गया और बच्चेदानी भी सेफ रहेगा।

(4) महिलाओं के बढ़ते उम्र के कराण ।

एक्सपर्ट के मुताबिक महिलाएं के उम्र में जब बदलाव होने लगता है है उस समय शरीर के सेल्स में बदलाव होने के कराण शरीर के स्किन यानी मांसपेशियों ढीली होने लगता है जिसके कारण महिलाओं के बच्चेदानी अपने जगह से दूसरी जगह साइट होने के डर बना रहता है मतलब बच्चेदानी को शरीर से बाहर होने के डर रहता है इसलिए एक्सपर्ट के मुताबिक महिलाएं को हमेशा ही हरी पत्तेदार सब्जियां खाने चाहिए क्योंकि इन सब्जियों में बहुत सारे फाइबर ओर विटामिन एवं प्रोटीन, मिनरल मिलते हैं जिसके चलते शरीर के मांसपेशियों में कसावट रहती है।

(5) महिलाएं भारी वजन समान उठा लेने से।
एक्सपर्ट के मुताबिक महिलाएं को हमेशा ही अपने शरीर के वजन के तुलना कभी ज्यादा भारी वजन के समान नहीं उठा लेना चाहिए क्योंकि भारी वजन के समान उठाने से शरीर के किसी भी अंग में नुक्सान पहुंच सकता है ओर दुसरे बातें भारी वजन समान उठा लेने से बच्चेदानी अपने जगह से दूसरी जगह साइट हों जाते है क्योंकि बच्चेदानी वाले जगह के मांसपेशियां नोर्मल होते हैं एक्सपर्ट के मुताबिक महिलाएं को हमेशा ही अपने शरीर के वजन मुताबिक ही समान उठाने चाहिए वर्ना बच्चेदानी में सुजन आने के डर भी बना रहता है।

(6) नोर्मल डेलिवरी होने से ।


एक्सपर्ट के मुताबिक नोर्मल डेलिवरी होने से बच्चेदानी के आसपास जगह के मांसपेशियों बहुत कमजोर हो जाता है क्योंकि उस समय बहुत ज्यादा पेन यानी दर्द होने लगता है जो  की जब कोई महिलाएं के नोर्मल डेलिवरी से बच्चे पैदा करते हैं  ओर उस समय नोर्मल डेलिवरी हो जाय जिसके चलते महिलाओं को बहुत जोर देने पड़ता है ओर दुसरे बातें नोर्मल डेलिवरी के समय महिलाओं के बच्चेदानी में होसपीटल के दाईं एवं नर्स हाथ भी लागतें हैं क्योंकि बहुत समय बच्चे उल्टे-सीधे रहते हैं जिसके चलते महिलाओं के बच्चेदानी में हाथ डाला जाता है ओर बच्चे को बहार निकालने के लिए डेलिवरी कर रहे महिलाओं को पोर्श किया जाता है की जोर लगायें ओर जिसके चलते महिलाओं के बच्चेदानी के मांसपेशियों कमजोरी हो जाता है ओर कुछ दिन बाद मतलब जब महिलाओं के उम्र 40 से 50 वर्ष के बीच होने लगता है उस समय एक्सपर्ट के मुताबिक बच्चेदानी खिसकने के डर बना रहता है। 

महिलाओं के बच्चेदानी अपने जगह से दूसरी जगह साइट होने पर क्या -क्या परेशानी होते हैं ?

एक्सपर्ट के मुताबिक महिलाएं के बच्चेदानी जब अपने जगह से दूसरी जगह साइट हो जाता है तब महिलाओं के शरीर में क्या -क्या परेशानी होते हैं इन सब बातों को जानने के लिए आपको ये पुरी आर्टिकल को पढ़ने पड़ेगा जैसे में 

(1) पेट में कब्ज़ होने से 
जब किसी महिला को बच्चेदानी वाली समस्या उत्पन्न होता हैं उस समय उन सब महिलाओं को बहुत सारे परेशानी से  गुजरना पड़ता है जैसे की अगर कोई महिला को बच्चेदानी के समस्या रहता है तो पेट में कब्ज़ नहीं बनना चाहिए वर्ना बाथरूम करते समय ज्यादा जोर देने से बच्चेदानी में हल्का -हलका दर्द होने लगता है इसलिए जिस महिलाओं में बच्चेदानी के समस्या रहता है उन सब महिलाओं को हमेशा ही कब्ज से बचना चाहिए

(2) शरदी-जुकाम होने से 

जब किसी महिला को बच्चेदानी के समस्या उत्पन्न होता हैं उस समय उन सब महिलाओं को शरदी -जुकाम से बचना चाहिए क्योंकि जब कोई महिला बच्चेदानी के समस्या से ग्रस्त हो ओर उस समय अगर महिलाएं को शरदी-जुकाम हो जाता है तो शरदी -जुकाम के कराण छींकते समय महिलाओं को बच्चेदानी में जोर पड़ता है क्योंकि शरीर -जुकाम के कराण हमेशा ही छिकना ओर खंशना पड़ता है जिसके कारण बच्चेदानी में जोर पड़ता है ओर बच्चेदानी में हल्का -हलका सा दर्द होने लगता है ।


Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई गई , दावों की paswanblog live पुष्टि नहीं करता है. इनको केवल. सुझाव के रूप में लें. इस तरह के किसी भी उपचार/दवा/डाइट पर अमल करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें. 


और आपलोगों को मेरा blogging. अच्छा लग रहा है तो please इसे सैयर कर सकते है और ये जानकारी किसी को मदद करें गा




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