
Lungs in water
लंग्स भी हमारे शरीर का बहुत महत्व (important) अंग है। लंग्स के बिना हमलोग जी नहीं सकते है। क्योंकी लंग्स में अगर कोई (problem) हो जाता है, तो सांस लेने में बहुत मुश्किल का समाना करना पड़ता है। और अब जाने गें, की फेफडों (Lungs) में पानी क्यों भर जाता ह। जानते है इस लेख के माध्यम से
फेफड़ों में पानी भरने का सबसे अहम कारण यह है की टिब्बी (TV) का इनफेक्शन होना और फेफड़ों के उपरी सतह से
रिसते पानी को सोखने की क्षमता होता है। इसी वजह से पानी रिसेन सोखने के बीच एक संतुलन बाना रहता है। लेकिन बहुत बार फेफडे के उपरी सतह पानी का रिसेन ज्यादा मात्रा में बढ जाता है।और संतुलन बिगड जाने के कारण छाती के चारो और पानी भर जाता है। इस तरह फेफडे में भर जाता है।
टिब्बी tv सबसे से मुख्य कारण माना जाता है फेफडे में पानी जामा होने कारण क्योंकी (TV infection) के पिले पानी को जल्दी अगर नहीं रोक जाई तो फेफडे को नष्ट भी कर सकता है।
फेफडे में अगर पानी भर जाता है तो इसके मुख्य लक्षण दिखाई देता है।
1) सांस लेने में दिक्कत होता है।
2) हर रोज रात को पसीने के साथ बुखार आना।
3) सांस फुलना।
4) छाती में दर्द (pain)होना।
5) छाती में भारीपन महसुस होना ।
(6) वजन में कमी आना (7) छाती हिलाने से गढ़-गढ़ की आवाज आना (8) बलगम आना।
9) मूंह से झाग वाला थुक निकलना
10) पेरों में सुजन होना ।
अपने घेरुलु उपाय से फेफडों को किस प्रकार स्वस्थ रख सकते हो ?
1)अदरक वाला चाय पीने से फेफडे बहुत हेल्दी रहता है। क्योंकी अदरक में एंटी ऑक्सीडेंट गुण मिलता है, जिसके वजह से बाडी से टाक्सिन को बहार निकलने में
मदद मिलता है । इसलिए अदरक वाली चाय पीने चाहिए।
2) दाल चिनी का सेवन करने से फेफडा हेल्दी रहता है दाल चिनी का सेवन पानी में मिलाकर ले सकते हैं
3) हल्दी भी फेफडों को हल्दी रखने के लिए बहुत मददगार है। क्योंकी हल्दी में करक्युमिन मिलता है, जिसके चलते शरीर से टॉक्सीन निकलने में मदद मिलती है।इसलिए हल्दी पीने चाहिए।
फेफडों में जब पानी भर जाता है। तब (medical science)ने इसे पल्मोनरी बिमारी के नाम से भी जाना जाता है ।
फेफडे में पानी जब भर जाता है । तो नेचुरल तरीके से
बहार किया जा सकता है। जैसे की रामदेव बाबा के
कुछ कारगर उपाय एवं बाता रखें है। जैसे की प्रणायाम करने से ओर प्राणायम करने के तरीका इस प्रकार है।
इस प्राणायाम को तीन तरह से किया जाता है। पहला
इस तरह से है, 5. सेकंड में सांस लेना है फीर 5 सेकंड सांस छोड़ देना है। (2) फीर ढाई सेकंड में सांस लें फीर ढाई सेकंड सांस छोड़ दो (3) तीसरी बार फीर बहूत तेजी सांस लें और बहुत तेजी से सांस छोड़ दें, इस प्रणायाम को लगातर 5 मिनट तक रोजाना करना चाहिये।इस प्रणायाम को लगातर करने से हाइपरटेंशन ,अस्थमा, टीबी
Heart बिमारी,टयूमर ,लिवर सिरोसिस,किसी भी तरह के
Energy और फेफडों बिमारी के लिऐ ये प्रणायाम बहुत
आच्छा है।
आयुर्वेदिक AAyurved के उपाय से भी फेफड़ों में भरा
हुवा पानी हटा सकते है। है ।
1) हर दिन स्वाहारि और पंचकोल काढां पियें
2) दुध में शीलाजित और हल्दी पियें
3) खाने के बाद लक्ष्मी विलास और संजीवनी वटी का सेवन करें।
4) दिनभर दिव्यपेय का पानी पियें 1 लीटर पानी में
चार चम्मच दिव्यपेय मिला दें
5) ठंडा दुध और पानी बिल्कुल ना पियें।

और आप लोगों को मेरा blogging. आच्छा लग रहा है तो plase इसे सैयर कर. सकते और ये जानकारी किसी
को मदद कर सकता है
और आप लौंग कोई health related जानकारी चाहिये ।
तो मुझे comments करें
https://maheshliv.blogspot.com/2023/01/blog-post_28.html

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