ज्यादा देर तक पेशाब रोकने से शरीर में बहुत सारे बिमारी पकड़ने लगता है।
बहुत सारे जानकारों के मुताबिक बहुत ज्यादा देर तक पेशाब रोकने से शरीर में बहुत सारे बिमारी होने के डर बना रहता है। इसलिए जब भी पेशाब करने के मन करता है उसी समय हर किसी को पेशाब कर लेना चाहिए। क्योंकि मैडिकल सांइस के मुताबिक पेशाब में बहुत सारे केमिकल पाया जाता है जिसके कारण शरीर में बहुत सारे बिमारी होने के डर बना रहता है । पेशाब में जो सब केमिकल पाया जाता है वह शरीर के बहुत सारे अंगों को नुक्सान पहुंचाते हैं । इसलिए जब भी पेशाब करने के मन करता है उस समय पेशाब कर लेना चाहिए
चलिए जानते हैं की ज्यादा देर तक पेशाब रोकने से शरीर में कोण -कोण से बिमारियों होने के सम्भावना अधिक बना रहता है।
1) किडनी इन्फेक्शन
2) किडनी में पथरी
3) युटीआई होने जैसा इन्फेक्शन
4) ब्लैडर को फटने का डर रहता
5) ब्लैडर में स्ट्रेचिंग होने लगता है।
1) किडनी इन्फेक्शन
एक्सपर्ट के मुताबिक महिलाएं हो या पुरुष एवं बच्चे इन सभी को ज्यादा देर तक पेशाब नहीं रोकने चाहिए। नहीं तो किडनी में इन्फेक्शन पकड़ने के डर बना रहता है। क्योंकि मैडिकल सांइस के अनुसार पेशाब में बहुत सारे केमिकल, बेक्टिरिया, पेशाब में पाया जाता है। जिसके चलते पेशाब को ज्यादा देर तक नहीं रोकने चाहिए नहीं तो किडनी में इन्फेक्शन होने के डर बना रहता है।
2) किडनी में पथरी
एक्सपर्ट के मुताबिक महिलाएं हो या पुरुष एवं बच्चे इन सभी को ज्यादा देर तक पेशाब रोकने से किडनी में स्टोन (पथरी ) होने के सम्भावना अधिक बना रहता है। इसलिए जब भी पेशाब आने लगता है उसी समय ही हर किसी को पेशाब कर लेना चाहिए। नहीं तो किडनी में स्टोन होने के सम्भावना अधिक बना रहता है। किडनी स्टोन होने को ही , इसे ही पथरी बिमारी कहते हैं।
3) युटीआई होने जैसा इन्फेक्शन।
बहुत सारे अध्ययन कारों के अनुसार बहुत देर तक पेशाब रोकने से युटीआई इन्फेक्शन होने के डर बना रहता है। और युटीआई इन्फेक्शन ज्यादा तर पुरुष के तुलना महिलाओं में ज्यादा देखने को मिलता है। क्योंकि मैडिकल सांइस के अनुसार पेशाब में सबसे ज्यादा कैमीकल और ऐशीड पुरुष के तुलना महिलाओं में ज्यादा मात्रा कैमीकल और ऐशीड मिलता है। जिसके चलते यूरिन के रास्ते में इन्फेक्शन पकड़ने के डर बना रहता है। जिसके कारण हर किसी को पेशाब समय से ही कर लेना चाहिए।
4) ब्लैडर फटने का डर बना रहता है।
बहुत सारे अध्ययन कारों ने बताया कि बहुत देर तक पेशाब रोकने से ब्लैडर फटने का डर बना रहता है। पर ये बहुत कम ही होता है। इसलिए जब भी पेशाब करने के मन करता है। उसी समय पेशाब कर लेना चाहिए। क्योंकि पेशाब में टोक्सिन भी पाया जाता है। और टोक्सिन भी एक तरह से जहर है,जो कि शरीर के लिए बहुत हानिकारक माना जाता है।
5) ब्लैडर में स्ट्रेचिंग भी होता है।
एक्सपर्ट के मुताबिक महिलाएं एवं पुरुष दोनों को ही पेशाब नहीं रोकने चाहिए, क्योंकि पेशाब में बहुत सारे गंदगी पदार्थ होते हैं। जिसके कारण ब्लैडर कमजोर होने लगता है। और ब्लैडर में स्ट्रेचिंग होने लगता है। एवं ज्यादा देर तक पेशाब रोकने से पेशाब के नली में जलन और दर्द होने लगता है। इसलिए पेशाब को जल्द से जल्द अपने शरीर से बाहर निकाल देना चाहिए। क्योंकि पेशाब में बहुत सारे केमिकल एवं बेक्टिरिया मिलता है।
एक स्वस्थ पुरुष कितने देर तक पेशाब रोक सकते हैं ?
एक्सपर्ट के मुताबिक एक स्वस्थ पुरुष कितने देर तक अपने पेशाब को रोकने में सक्षम है। यानी अपने यूरीन को कितने देर तक पेशाब रोक सकते हैं। पर मैडिकल सांइस के अनुसार पेशाब नहीं रोकने चाहिए, क्योंकि पेशाब में बहुत सारे गंदे पदार्थ पाए जाते हैं। यानी पेशाब में टोक्सिन, केमिकल, बैक्टीरिया एवं यूरिक एसिड भी पाया जाता है। इसलिए पेशाब को ज्यादा देर तक नहीं रोकने चाहिए। पर सबसे अहम सवाल यह है कि अगर कोई व्यक्ति को किसी कराण वश पेशाब रोकने पड़े तो वह व्यक्ति कितने देर तक पेशाब रोक सकते हैं। इसलिए मैडिकल सांइस के अनुसार एक स्वस्थ पुरुष अपने यूरिन को कम से कम 2 से लेकर 3 घंटे तक अपने यूरिन को रोक सकते हैं।
एक स्वस्थ महिला अपने यूरिन को कितने देर तक रोक सकती है ?
एक स्वस्थ महिला अपने यूरिन को कितने देर तक रोक कर रख सकती है । मैडिकल सांइस के मुताबिक एक स्वस्थ महिला अपने यूरिन को कम से कम 1 घंटे से लेकर 3 घंटे के बीच में रोक कर रख सकती है। क्योंकि हर किसी महिला को कम से कम 3 घंटे में एक बार यूरिन पास करने पड़ते हैं।पर बहुत समय किसी मजबूरी के कारण 4,5, घंटे तक भी यूरिन रोक कर रखने पड़ते हैं। इसलिए ज्यादा देर तक यूरिन रोकने से महिलाओं में युटीआई इन्फेक्शन होने के डर बना रहता है। खासकर गर्भवति महिलाओं को ज्यादा देर तक अपने यूरिन ( पेशाब) को नहीं रोककर रखना चाहिए। क्योंकि अगर गर्भवती महिलाएं अपने यूरिन को रोकती है तो उन सब महिलाओं को युटीआई इन्फेक्शन होने के डर बना रहता है।
एक स्वस्थ महिला ओर पुरुष एवं बच्चे में कितने लीटर यूरिन को ब्लैडर में स्टोर करने के क्षमता होती है।
एक्सपर्ट के मुताबिक एक स्वस्थ पुरुष एवं महिला और बच्चे में यूरिन ब्लैडर में कितने मिलीलीटर यूरिन स्टोर करने के क्षमता होती है। इसलिए मैडिकल सांइस के मुताबिक तीनों में ही अलग-अलग यूरिन ब्लैडर में स्टोर करने के क्षमता होती है। जैसे -जैसे उम्र बढ़ती रहती है उसी तरह यूरिन ब्लैडर के साइज भी बढ़ते चले जाते हैं। चलिए जानते हैं इस लेख के माध्यम से कितने -कितने क्षमता तीनों में पाया जाता है।
1) 6 महीने से लेकर 12 महीने तक के बच्चों में 48.9 मिली.लीटर यूरिन ब्लैडर में यूरिन स्टोर करने के क्षमता होती है।
2) 5 साल से लेकर 7 साल तक के बच्चों में 75- 105 मिलीलीटर यूरिन ब्लैडर में यूरिन स्टोर करने के क्षमता होती है।
3) 8 साल से लेकर 10 साल तक के बच्चों में 120-150 मिलीलीटर यूरीन ब्लैडर में यूरीन स्टोर करने के क्षमता होती है।
4) 11 साल से लेकर 15 साल तक के बच्चों में 165- 225 मिलीलीटर यूरीन ब्लैडर में यूरीन स्टोर करने के क्षमता होती हे।
5) उम्रदराज व्यक्तियों और महिलाओं में 300 से लेकर 400 मिलीलीटर यूरिन ब्लैडर में स्टोर करने के क्षमता होती है।
Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई गई दावों की health paswanblog live पुष्टि नहीं करता है। केवल सुझाव के रूप में लें. इस तरह के किसी भी उपचार/दवा/डाइट पर अमल करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.
और आप लोगों को मेरा blogging. अच्छा लग रहा है तो please इसे सैयर कर सकते है और ये जानकारी किसी को मदद करें गा
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